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रक्षा मंत्रालय से जुड़ी परीक्षा उपयोगी जानकारी

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रक्षा मंत्रालय का प्रमुख रक्षा मंत्री है और सबसे बड़ा वित्तीय अधिकारी रक्षा मंत्रालय का वित्तीय सलाहकर होता है। रक्षा मंत्रालय में चार विभाग है-

  1. रक्षा विभाग
  2. रक्षा उत्पादन विभाग
  3. रक्षा आपूर्ति विभाग
  4. रक्षा विज्ञान एवं अनुसंधान विभाग।
भारतीय नौसेना का प्रतीक
भारतीय वायुसेना का प्रतीक
भारतीय थलसेना का ध्वज
रक्षा मंत्रालय देश की रक्षा करने और सशस्त्र सेनाओं - स्थल सेना, नौ सेना और वायु सेना के साज-सामान जुटाने और उनका प्रशासन चलाने के लिए उत्तरदायी है। रक्षा मंत्रालय भारत की रक्षा सशस्त्र सेनाओं अर्थात थल सेना, नौ सेना और वायु सेना के गठन और उनके प्रशासन, सशस्त्र सेनाओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, गोला-बारूद, पोत, विमान, वाहन, उपकरण और साज-सामान की व्यवस्था करने, अभी तक आयात होने वाली मदों को देश के भीतर निर्मित करने की क्षमता स्थापित करने और रक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए सीधे उत्तरदायी है। इस मंत्रालय की कुछ अन्य ज़िम्मेदारियाँ हैं- मंत्रालय से संबद्ध असैनिक सेवाओं पर नियंत्रण, कैन्टोनमेंट बनाना, उनके क्षेत्र का निर्धारण करना और रक्षा सेवा कर्मचारियों के लिए आंवास सुविधाओं का विनिमयन करना। भारत की सशस्त्र सेनाओं में तीन मुख्य सेवायें हैं- थल-सेना, नौसेना और वायु सेना। ये तीनों सेवायें एक सेनाध्यक्ष अर्थात क्रमश: स्थल सेनाध्यक्ष, नौ सेनाध्यक्ष और वायु सेनाध्यक्ष के अधीन हैं। ये तीनों सेनाध्यक्ष जनरल या इसके बराबर पद वाले होते हैं। इन तीनों सेनाध्यक्षों की एक सेनाध्यक्ष समिति है। इस समिति की अध्यक्षता यही तीनों सेनाध्यक्ष अपनी वरिष्ठता के आधार पर करते हैं। इस समिति की सहायता के लिए उप-समितियाँ होती हैं जो विशेष समस्याओं जैसे आयोजन, प्रशिक्षण, संचार आदि का काम देखती हैं।
आज भारत की थल सेना विश्व की सबसे बड़ी स्थल सेनाओं में चौथे स्थान पर, वायु सेना पांचवें स्थान पर और नौ सेना सातवें स्थान पर मानी जाती है। सेना के प्रमुख सहायक संगठन हैं-
  1. प्रादेशिक सेना
  2. तट रक्षक
  3. सहायक वायु सेना
  4. एन. सी. सी.
जिसमें स्थल सेना, नौ सेना और वायु सेना तीनों पार्श्व होते हैं।

                                           भारतीय थल सेना


सीमा सुरक्षा बल का प्रतीक
थल सेनाध्यक्ष की सहायता के लिए थलसेना के वाइस चीफ, तथा चीफ स्टाफ अफ़सर होते हैं। इनमें डिप्टी चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ, एडजुटेंट-जनरल, क्वार्टर मास्टर-जनरल, मास्टर-जनरल ऑफ़ आर्डनेन्स और सेना सचिव तथा इंजीनियर-इन-चीफ सम्मिलित हैं। थल सेना 6 कमानों में संगठित है-
  1. पश्चिमी कमान (मुख्यालय: शिमला)
  2. पूर्वी कमान (कोलकाता)
  3. उत्तरी कमान (ऊधमपुर)
  4. दक्षिणी कमान (पुणे)
  5. मध्य कमान (लखनऊ)
  6. दक्षिणी-पश्चिमी कमान (जयपुर)
दक्षिण-पश्चिम कमान का गठन 15 अप्रैल2005 को किया गया। इसका मुख्यालय जयपुर में स्थापित किया गया है। यह थल सेना की सबसे बड़ी कमान है।

                                                 भारतीय नौ सेना

                                              भारतीय वायु सेना

इस रेजिमेंट को पोलो खेल परंपरा की विशिष्टता भी हासिल है। इसने भारत को नामी पोलो खिलाड़ी दिए हैं। इस रेजिमेंट के सदस्यों ने चार पोलो और पाँच बार घुड़सवारी के लिए खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार जीता है।

वीरता पुरस्कार


  • सशस्त्र सैन्य कर्मियों को उनके शौर्य के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा वीरता पुरस्कार दिए जाते हैं। चार प्रमुख वीरता पुरस्कार हैं। परमवीर चक्रअशोक चक्र, सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल है।
  • वीरता पुरस्कारों में शामिल हैं, महावीर चक्रवीर चक्रशौर्य चक्र, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, वायु सेना मेडल और नौसेना मेडल है।
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